➡️मेरठ : शहीद मंगल पांडे राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय माधवपुरम मेरठ में महिला प्रकोष्ठ के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय महिला समानता दिवस के उपलक्ष्य में "कार्यस्थल पर महिला समानता" विषय पर भाषण प्रतियोगिता आयोजित कराई गई।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य महोदया द्वारा मां शारदे के समक्ष माल्यार्पण कर किया गया । प्रतियोगिता में सभी संकाय की छात्राओं ने उल्लास पूर्वक प्रतिभाग किया और महिला समानता पर अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए । जिसमें कु 0 इफ्फ़त जहां (बी ए तृतीय वर्ष) प्रथम, कु0 अनम (बी ए तृतीय वर्ष) द्वितीय, कु0 मोनिका (एम. ए. द्वितीय वर्ष) तृतीय स्थान पर रहीं। वहीं कुमारी श्वेता (एम.ए. द्वितीय वर्ष) एवं कुमारी बुद्धिता(बी.ए. तृतीय वर्ष) ने संयुक्त रूप से सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया ।
कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन डॉ0 सुधा रानी सिंह, डी0 लिट्0 हिंदी विभागाध्यक्ष द्वारा किया गया । उन्होंने इस अवसर पर महिला समानता के इतिहास, उद्देश्य और महत्व पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए कहा कि छात्राओं को अपने अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए और उनका सदुपयोग कर राष्ट्र निर्माण में सहयोगी बनना चाहिए। सह प्रभारी डॉ0 भारती दीक्षित ने भी छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाएं प्राकृतिक रूप से मजबूत होती हैं अतः उन्हें किसी भी परिस्थिति में हार नहीं माननी चाहिए ।
महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो0 (डॉ0) अंजू सिंह ने विजेता छात्राओं को बधाई देते हुए उनका उत्साहवर्धन किया साथ ही उन्होंने बताया कि समाज के प्रत्येक क्षेत्र में पुरुषों के समान अधिकार और सम्मान पाने के उद्देश्य से इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करना महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देता है साथ ही महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करता है। कार्यक्रम में डॉ0 मंजू रानी, डॉ0 राजकुमार सिंह, डॉ0 दीपा गुप्ता, डॉ0 अलका चौधरी, डॉ0 आवेश कुमार तथा डॉ0 शबीना परवीन सहित अन्य प्राध्यापक गण उपस्थित रहे।
➡️इस राज्य में एक सितंबर से नहीं आएगा बिजली का बिल, आजादी के जश्न से पहले सरकार ने लिया बड़ा फैसला
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बजट पेश करने के दौरान कहा था कि 300 यूनिट मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने से सरकारी खजाने पर 1800 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
पंजाब में हर दो महीने में आता है बिल
पंजाब राज्य में बिजली सप्लाई के नियमों के मुताबिक ग्राहकों को हर दूसरे महीने बिजली का बिल अदा करना होता है। यहां बिलिंग साइकल 2 महीने की है। एक बयान में सीएम मान ने कहा कि राज्य के किसानों को पहली बार नियमित, बिना किसी कटौती के और सरप्लस बिजली मिली है। 66 केवी लाइन पर भगवंत मान ने कहा कि सीमावर्ती जिलों के 70 गांवों को नियमित रूप से रोशन करने वाली यह महत्वपूर्ण लाइन पिछले एक दशक से जल रही है।
बजट में हुई थी घोषणा
इस साल 27 जून को पंजाब की नई सरकार ने पहला बजट पेश किया था। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बजट पेश करने के दौरान कहा था कि 300 यूनिट मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने से सरकारी खजाने पर 1800 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। पंजाब अलग-अलग कैटेगरी को रियायती बिजली देता है, जिसमें से अकेले कृषि क्षेत्र को मुफ्त बिजली के चलते सब्सिडी बिल लगभग 7,000 करोड़ रुपये है।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आजादी के जश्न के बीच अपने राज्य के लोगों को बड़ी खुशखबरी दी है। मान ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि राज्य के करीब 51 लाख परिवारों को एक सितंबर से बिजली का बिल नहीं देना होगा। राज्य में 66 किलो वोल्ट बुटारी-ब्यास लाइन को लोगों को समर्पित करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने समाज के हर वर्ग को हर बिल में मुफ्त 600 यूनिट बिजली उपलब्ध कराई है ।
पंजाब में इस समय कुल 74 लाख से अधिक बिजली उपभोक्ता हैं। राज्य सरकार की इस घोषणा का लाभ इनमे से 51 लाख घरों को मिलेगा। इन उपभोक्ताओं को 1 सितंबर से बिजली बिल जीरो मिलेगा। इससे पहले आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार ने राजधानी दिल्ली में भी फ्री में बिजली उपलब्ध कराई है। हालांकि अब दिल्ली सरकार लोगों को सब्सिडी का विकल्प छोड़ने का भी विकल्प दे रही है।
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