👉उदयपुर : मजदूर किसान हक संगठन, खेरवाडा केसरिया जी
खेरवाडा 7 मार्च। केटलशेड में भ्रष्टाचार करने वालों पर एफ.आई.आर दर्ज होने के बाद भी अभी तक गिरफ्तार नही किया गया है जल्द ही इनकी गिरफ्तारिया नही की गई तो थानों का घेराव किया जायेगा तथा किसानों पर दमन होने या संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आह्रान करने पर हाईवे न. 8 को जाम किया जायेगा यह प्रस्ताव जनजाति क्षेत्र की सुन्दरा में आयोजित पहली मजदूर किसान पंचायत में पारित किये गये।
पाल चितरिया और किसान आन्दोलन के शहिदों को श्रृद्वांजलि अर्पित करने के बाद मजदूर किसान पंचायत की शुरूआत करते हुए महेन्द्र डामोर ने किसान आन्दोलन की व्यापकता के बारे में बताया तथा कहा कि सरकार की हठदर्मिता की वजह से किसानों का आन्दोलन जन आन्दोलन बन गया है तथा दुनिया में इस आन्दोलन को किसानों व मजदूरों का समर्थन मिल रहा है। उन्होने केटलशेड मामले में भ्रष्टाचारियों को गिरफ्तार करने की भी मांग उठायी।
पंचायत में जागरूक युवा संगठन के अध्यक्ष प्रभुलाल खराडी ने सरकार के लोक कल्याणकारी कामों से पल्ला झाडने का विशलेषण करते हुए शिक्षा, चिकित्सा तथा सार्वजनिक उपक्रमो के निजीकरण का विरोध किया। खराडी ने बताया कि काले कानूनों के विरूद्ध लड़ाई को यदि किसान नही जीत पाये तो उनके हाथ से जमीन निकल जायेगी। पहले से बढ़ी हुई बेरोजगारी विकराल रुप धारण कर लेगा, मजदूरी कम हो जायेगी तथा खाद्यान के भाव आसमान छुने लगेंगे।
विशेष अतिथि जनाब शाह मोहम्मद मकरानी ने दलगत राजनैतिक पार्टियों से दूर रहकर समाज की बेहतरी के लिए युवाओं को आगे आने का आहा्रन किया। मकरानी ने बताया कि मजदूर किसान आन्दोलन ही वास्तविक विपक्ष है इसलिए मेहनतकशों के आन्दोलन में हर प्रकार की भागीदारी करके ही हम बेहतर दुनिया बना सकते है।
जनवादी मजदूर युनियन के जिला सचिव जयन्तिलाल मीणा ने धनपतियों के हित में बने तीनों काले कृषि कानूनों को विस्तार से बताया और स्पष्ट किया कि शोषक, शासक मिल कर पिछले 30 सालों से ये कानुन लाने कि कोशिश कर रहे थे। मीणा ने खेती किसानी से सम्बंधित समस्याओं के समाधान हेतु आन्दोलन को व्यापक और तेज करने की आवश्यकता बतायी तथा मजदूरों ने लड़ कर हासिल किये कानुनों को खत्म कर दिये है तथा मजदूरों को मालिकों के रहमोकरम पर छोड दिया है जिनका युनियने प्रतिकार करेंगी।
समारोह में जयपुर से पधारे मुख्य अतिथी उपेन्द्र शंकर ने आम जनता के भले के लिए स्थानिय संसाधन विकसित करने की जरूरत बताई तथा किसान आन्दोलन के अनुभव बताते हुए दुनिया के लोगों द्वारा किसान आन्दोलन को समर्थन की जानकारी दी। उन्होने बताया कि सरकार की जनविरोधी नितियों के विरूद्ध यह अपनी तरह का पहला आन्दोलन है जो नितीगत सवालों को सम्बोधित किया जा रहा है। शंकर ने सभी जनपक्षिय शक्तियों को किसान आन्दोलन से सबक लेकर आत्म निर्भर व सुसंगठित करना चाहिए।
पंचायत के अन्त में सबने सर्व सम्मति से 9 प्रस्ताव पारित किये जिसमें थानों का घेराव करना, आवश्यकता पडने पर हाईवे पर उतरना निजीकरण के विरूद्ध अभियान तेज करना, किसानों के आन्दोलन में लगातार भागीदारी करना तथा स्थानिय स्तर पर जमीन तथा सिचाई, बिजली आदि की समस्याओं पर संघर्ष तेज करना सम्मिलित थे।
पंचायत में शान्तिलाल डामोर ने सभी प्रस्ताव पढ़कर सुनाये जिन्हे उपस्थित मजदूर किसान एवं युवाओं ने हाथ उठा कर समर्थन किया। कार्यक्रम का संचालन मजदूर किसान हक संगठन के सचिव शान्तिलाल डामोर ने किया तथा धन्यवाद की रस्म व्यवस्था समिति के पिन्टु भाई ने अदा की।
कार्यक्रम में सास्कृतिक मण्डली ने ‘‘किम हुता हो निन्दर मा’’ तथा ‘‘किसान बाॅर्डर पर डटे रहना’’ जैसे वागडी गीत सुनाए।
सारा पण्डाल तथा मंच मोतिलाल तेजावत, बिरसा मुण्डा, कालीबाई, टट्या मामा, अम्बेडकर, भगतसिह, चन्द्र शेखर आजाद, अस्फाक उल्ला, मामा बालेश्वर दयाल तथा खान आन्दोलन के शहीद लक्ष्मण मीणा के पोस्टर तथा निजीकरण का विरोध करने वाले बेनरों और लाल हरे झण्डों से सजा था।
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