दीपक तले उजाला पुस्तक लोकार्पण के साथ हुआ साहित्यकारों का सम्मान।*
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साहित्य संगम संस्थान, दिल्ली की प्रांतीय शाखा उत्तरप्रदेश द्वारा कानपुर के अनाइचा रेस्टोरेंट में मुख्य अतिथि उर्मिला श्रीवास्तव जी, विशिष्ट अतिथि चंद्रपाल सिंह जी, एवं कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ संगम लाल त्रिपाठी भँवर जी की अध्यक्षता में काव्योत्सव एवं सम्मान समारोह का आयोजन हुआ , जिसमें कानपुर , लखनऊ , रायबरेली , प्रतापगढ़, हरदोई , बाराबंकी समेत 10 कवियों ने सम्भाग किया। काव्योत्सव के शुभ अवसर पर लखनऊ की वरिष्ठ साहित्यकार उर्मिला श्रीवास्तव जी द्वारा रचित कृति ‛दीपक तले उजाला’ का लोकार्पण राष्ट्रीय गीतकार डॉ संगम लाल त्रिपाठी भंवर जी, छंदकार श्री चंद्र पाल सिंह जी, गज़लकार अजय श्रीवास्तव जी, व्यंगकार गंगाप्रसाद पाण्डेय भावुक जी, गज़लकार / व्यंगकार युष्मांक तिवारी जी, संस्थान की जिला संयोजक - कानपुर की कवियित्री अर्चना तिवारी जी, संस्थान के संयुक्त सचिव संजीत सिंह यश जी, संस्थान की उपाध्यक्षा सौम्या मिश्रा अनुश्री जी आदि के कर कमलों द्वारा हुआ। समारोह में उपस्थित समस्त प्रबुद्ध कलमकारों ने उर्मिला श्रीवास्तव जी को लोकार्पण की अनन्य बधाइयां प्रेषित की।
गोष्ठी में वर्तमान समय में काव्य में छंदों की महत्ता पर विचार - विमर्श किया गया , जिसमें प्रसिद्ध छंदकार राय बरेली उत्तरप्रदेश के कवि चंद्र पाल सिंह जी द्वारा पुरातन सनातनी छंदों की बारीकियों को समझाते हुए भावनात्मक ढंग से उसके प्रयोग को बताया गया - जोकि वर्तमान समय में नवांकुरों के लिए छंद सृजन में अत्यंत सहायक है। काव्योत्सव के अंतिम चरण में उर्मिला श्रीवास्तव जी, चंद्रपाल सिंह जी, एवं गंगा प्रसाद पाण्डेय भावुक जी को कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ संगम लाल त्रिपाठी भँवर की कर कमलों द्वारा साहित्य रत्नाकर सम्मान, शाल प्रतीक चिन्ह आदि देकर सम्मानित किया गया।
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