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अभय मंजुला सेवा संस्थान गरीब बच्चों एवं बूढ़ों के साथ मनाई दीपावली

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02 नवंबर 2024 उदयपुर : रिपोर्ट - मीनल भंडारी  दिवाली के अवसर पर कल बच्चों को बड़ों को कपड़े , कंबल , जूस, चिप्स , शूज , ड्राई फ्रूट्स, बिस्कुट के पैकेट और  मिठाई देकर उनके साथ दीपावली की खुशियां बनाई । साथ ही  इस संस्था के मीनल जैन हर्षिल  भंडारी, मंथन मेहता साथी दिव्यांशी भंडारी और आयुष आमेटा भी  अवसर पर शामिल हुए ।            विस्तृत जानकारी के लिए यहां क्लिक करें | Sachchi Pahal News | SPNews | सच्ची पहल समाचार | सच्ची पहल | SP News | SachiPahal | sachchipahal |

07 फरवरी 2023


➡️कासगंज : बाल मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह के तहत शिविर आयोजित ।
बच्चों की सेहत के साथ मानसिक स्वास्थ्य का भी रखे ख्याल : बाल रोग विशेषज्ञ ।
जनपद में जिलाधिकारी हर्षिता माथुर के नेतृत्व में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिला संयुक्त चिकित्सालय मामो कासगंज पर मेगा मानसिक विशेष शिविर ( बाल मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह 1 से 7 फरवरी)  का समापन किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.अवध किशोर प्रसाद व मानसिक स्वास्थ्य नोडल अधिकारी डॉ.कुलदीप के द्वारा हस्ताक्षर अभियान चलाकर किया गया।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. कृष्ण अवतार ने बताया कि शिविर में सभी प्रकार की स्वास्थ्य सेवाएं बाल रोग ,अस्थि रोग,महिला रोग,मानसिक रोग  तथा सामान्य रोग तथा सभी प्रकार की जांचे जैसे बीपी सुगर एवं रक्त संबंधित जांचे के स्टॉल लगाए गए। शिविर में कुल 170 ओपीडी हुई,जिसमें 52मानसिक रोगियों की काउंसलिंग कर उपचार दिया गया।
नोडल अधिकारी ने बताया कि बाल मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह के अंतर्गत जिले में दो कैम्प पटियाली व सयुंक्त जिला अस्पताल मामो पर आयोजित किए, जिसमें 325 कुल ओपीडी हुई, जिसमें 12 बच्चों समेत 69 मानसिक रोगीयों की काउंसलिंग कर उपचार दिया गया। उन्होंने कहा कि सयुंक्त जिला चिकित्सालय की ओपीडी सोमवार से गुरुवार तक मानसिक रोगियों को साइकेट्रिक नर्स अरुण कुमार शर्मा द्वारा काउंसलिंग की जाती है, काउंसलिंग के बाद वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. आनंद स्वरूप द्वारा उपचार दिया जाता है।
 बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. दिनेश शर्मा  ने बाल मानसिक स्वास्थ्य के विषय में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि अभिभावकों को बच्चों के सेहत के साथ मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए। बच्चो को शिक्षा से लेकर आराम, सम्बल ,प्यार एवं व्यायाम की भी आवश्यकता होती है, तभी उनका मानसिक विकास हो पाता है,

  बाल रोग विशेषज्ञ ने कहा बढ़ती उम्र में बच्चों में तनाव व चिड़चिड़ापन स्वभाव में शामिल हो जाता है, जिससे अवसाद बढ़ने का डर रहता है।ऐसे में यदि परिवार साथ रहे आपस में बातचीत करते रहें। एक दूसरे की बात ध्यान से सुनें और बेवजह टोका टाकी से बचें। यदि अकेले रह रहे हैं तो दिनचर्या में बदलाव लाएं। खाली समय में मनोरंजन के लिए टीबी देखें। किताबें पढ़ने या अपनी हाॅवी के काम करें। जिससे अवसाद तो कम होगा ही साथ ही साथ आप और सामने वाला बच्चा भी प्रसन्न महसूस करेंगे। साथ ही अवसाद कम होगा। 
मानसिक तौर पर दूरी बनी रहेगी तो ,  मानसिक स्वास्थ्य पर इसका प्रभाव कम पड़ेगा, इसलिए ऐसे समय में अपनों का साथ ज़रूरी है ।
शिविर में वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ आनंद स्वरूप ,डॉ रोहिताश यादव,डॉ गयाज़ खान, डॉ नवीला,डॉ अंजू यादव,डॉ आमिर,अस्प्ताल प्रवंधक राजवीर सिंह, साइकेट्रिक नर्स अरुण शर्मा,सोशल वर्कर वीरेंद्र कुमार, शुभम पचौरी,प्रीती ,सपना ,शिखा,अभिषेक आदि मौजूद रहे।








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