प्रैस नोट
अग्निकाण्ड से बचाव हेतु जागरूक और सतर्क रहें। तुरंत कंट्रोलरूम पर सूचना दें।
कासगंज: जिलाधिकारी चन्द्र प्रकाष सिंह ने कहा कि जागरूकता और सतर्कता से अग्नि काण्ड से बचाव संभव है। गर्मी के दिनों में आग लगने की अधिक संभावना रहती है। पूर्ण सावधानी बरतें, ताकि कोई दुर्घटना न होने पाये। खेत खलिहान, घरों में आग से बचाव के लिये सतर्कता बहुत जरूरी है।
मुख्य अग्निषमन अधिकारी कासगंज आनंद सिंह राजपूत ने बताया कि फायर सर्विस द्वारा दिये गये सुझावों का पालन करके आग की विभीषिका से होने वाली जीव हानि व राष्ट्रीय सम्पत्ति की सुरक्षा की जा सकती है। यदि कहीं कोई दैवीय आपदा या आग लगने की घटना हो, तो तुरंत नजदीकी थाने पर तथा 100 नम्बर या 101 पर डायल करें अथवा कंट्रोल रूम नं0 9454418501 अथवा 9454418500 पर भी डायल कर घटना की जानकारी दें। पटियाली क्षेत्र के लिये कंट्रोलरूम नं0 9454418498 या सीयूजी नं0 9454418394 पर अग्निकाण्ड की जानकारी दे सकते हैं। पानी का साधन व रास्ता भी नोट करा दें। अपने मकानों, दुकानों और कारखानों में अग्निषमन यंत्र अवष्य रखें और उनके संचालन की जानकारी कर लें। विवाह समारोहों में आतिषबाजी का प्रयोग न किया जाये। लैम्प व पेट्रोमैक्स सुरक्षित स्थान पर रखिये। रात में सोने से पहले गैस सिलेण्डर को बन्द करना न भूलंे।
जिला अग्निषमन अधिकारी महेष चन्द ने बताया कि अग्निषमन सेवा सप्ताह के दौरान जनपद की समस्त बीआरसी पर पहुंच कर लगभग 1500 षिक्षकों को जनजागरूकता हेतु अग्निषमन प्रषिक्षण प्रदान किया गया है। गेहूं की फसल की कटाई चल रही है। खेत खलिहान में बीड़ी, सिगरेट, हुक्का न पियें। खलिहान सड़क/रेलवे लाइन के किनारे, विद्युत लाइन के नीचे न रखें। तेज हवा में छप्पर एवं खलिहान में खाना न पकायें। खलिहान के पास न आग जलायें। गैस सिलेण्डर लीकेज होने पर लाइटर, माचिस न जलायें। एक ही विद्युत सर्किट पर ज्यादा लोड न डाला जाये। बिजली की पुरानी वायरिंग व कटे फटे तारों को बदलवा दें। जलते हुये स्टोव, लालटेन, चिराग में तेल न डाला जाये। बिस्तर पर लेटकर बीड़ी सिगरेट न पीयें तथा बचे हुये टुकड़ों व जली हुई तीली को बुझाकर ही फेंकें। चूल्हे की गरम राख कूड़े के ढेर पर न फेंके। सतर्कता तथा जागरूकता से ही अग्निकाण्ड से होने वाली हानियों से बचा जा सकता है।
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पेयजल समस्या के निदान हेतु कन्ट्रोल रूम संचालित, दूरभाष नं0 05744-247661
कासगंज: जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रीष्म ऋतु में पेयजल समस्या के त्वरित समाधान हेतु कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित अधिषाषी अभियंता निर्माण खण्ड,जलनिगम कार्यालय, प्रह्लादपुर, कासगंज में कंट्रोल रूम संचालित है। जिसका दूरभाष नं0 05744-247661 है। जो प्रातः 9 बजे से सायं 9 बजे तक संचालित रहेगा।
उक्त जानकारी देते हुये जिला विकास अधिकारी एस0एन0श्रीवास्तव ने बताया कि सहायक अभियंता जलनिगम आर0के0 सक्सैना मोबाइल नं0 8218618925 को कन्ट्रोल रूम का नोडल अधिकारी नामित किया गया है।
कन्ट्रोल रूम में निर्मल कुमार 9758144613 की प्रातः 9 बजे से सायं 6 बजे तक तथा षिषुपाल सिंह 9759459275 की सायं 6 बजे से सायं 9 बजे तक ड्यूटी लगाई गई है।
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गेहूं क्रय केन्द्र संचालित, पंजीकृत किसानों से ही होगी गेहूं की खरीद।
कासगंजः रबी विपणन वर्ष 2019-20 में गेहूं का समर्थन मूल्य रू0 1840/- प्रति कुन्टल निर्धारित है। जनपद में गेहूं खरीद करने के लिए 52 क्रय केन्द्र संचालित हैं। गेहूं की खरीद 15 जून तक की जायेगी। किसानों का पंजीकरण होने के बाद ही गेहूं क्रय किया जायेगा। क्रय केन्द्र रविवार व राजपत्रित अवकाषों को छोड़कर प्रतिदिन प्रातः 9 बजे से सायं 6 बजे तक खुले रहेंगे। गेहूं के मूल्य का भुगतान क्रय के 72 घण्टे के अंदर सीधे किसानों के बैंक खाते मंे किया जायेगा। बिचैलियों से बचने के लिये किसान अपना पंजीयन अवष्य करा लें।
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व/जिला खरीद अधिकारी योगेन्द्र कुमार ने उक्त जानकारी देते हुये बताया कि गेहूं खरीद के लिये किसी भी जनसुविधा केन्द्र, स्वयं या साइबर कैफे से किसान अपना आॅनलाइन पंजीयन करा सकते हैं। किसान अपनी खतौनी का खाता संख्या पंजीयन में दर्ज कर अपने कुल रकबे को एवं बोये गये गेहूं के रकबे को अंकित करेंगे, जिसका सत्यापन सम्बन्धित तहसील द्वारा आॅनलाइन किया जायेगा। गेहूं विक्रय के समय पंजीयन प्रपत्र के साथ खतौनी, आधार कार्ड, बैंक पासबुक की छाया प्रति अवष्य साथ में लायें।
क्रय केन्द्रो पर उतराई/छनाई/सफाई में आने वाला व्यय 20 रू0 प्रति कुंटल किसानो द्वारा स्वयं वहन किया जायेगा। किंतु इसकी प्रतिपूर्ति क्रय एजेंसी द्वारा सीधे किसान के बैंक खाते में या एकाउण्ट पेयी चैक द्वारा किसान को कर दी जायेगी। यह भुगतान गेहूं के समर्थन मूल्य के अतिरिक्त होगा। सुझाव/ षिकायत के लिये टोल फ्री नम्बर 18001800150 है। लघु एवं सीमांत किसानों के लिये मंगलवार व शुक्रवार के दिन आरक्षित किये गये हैं। सौ कुंटल से अधिक गेहूं बेंचने के लिये उपजिलाधिकारी से सत्यापन कराना अनिवार्य है।
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