उत्तरप्रदेश की सौम्या मिश्रा अनुश्री की पुस्तक भावतरंगिणी का विमोचन एवं संगम रत्न सम्मान से सम्मानित।
साहित्य संगम संस्थान ने लगभग 70 साहित्यकारों को सम्मानित किया
आठ पुस्तकों का हुआ विमोचन
अध्यक्षा लोकायुक्त जबलपुर पूर्व जिला न्यायाधीशा आ०मीना भट्ट जी सहित तीन हस्तियों को डॉक्ट्रेट की मानद उपाधि से नवाज़ा गया
*कार्यक्रम में देश के अनेक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और लगभग नौ प्रदेशों के प्रतिनिधि साहित्यकार हुए उपस्थित !!
साहित्य संगम संस्थान का सम्मान समारोह २७ मई को इंदौर में संतोष सभागार में मनाया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ राजस्थान के प्रांतीय अध्यक्ष, पूर्व धर्माचार्य डी ए वी कॉलेज अजमेर आ०जागेश्वर प्रसाद निर्मल जी के करकमलों से दीप प्रज्वलन कर हुआ । कार्यक्रम के संयोजक आचार्य भानुप्रताप जी ने स्वागत भाषण के साथ साहित्यसेवियों का अभिनंदन किया । डॉ अरुण श्रीवास्तव अर्णव जी ने संस्थान का परिचय और कार्यों से अवगत कराते हुए इस संपूर्ण कार्यक्रम का कुशल संचालन किया । इस दौरान पूणे से पधारे अलंकरण सचिव आ०मयंक वैद्य ने अपनी कविता सुना पूरे समारोह को झंकृत कर दिया । देश के विविध प्रांतों से लगभग साठ साहित्यकारों ने सम्मान योजना में भाग लिया था । जिसमें संगम सरस्वती सम्मान श्री सतीशचंद्र शर्मा सुधांशु जी बदायूँ उत्तर प्रदेश को २१००₹ प्रमाणपत्र और स्मृतिचिह्न के साथ, साहित्य सुरभि सम्मान डॉ आनंद प्रकाश शाक्य जी मैनपुरी उत्तर प्रदेश को ११००₹ नकद प्रमाणपत्र और स्मृतिचिह्न, साहित्य आभा सम्मान श्रीमती शशि श्रीवास्तव जी इंदौर म०प्र० को २१००₹ नकद प्रमाणपत्र और स्मृतिचिह्न, साहित्य नवांकुर सम्मान अंकिता जैन अशोकनगर म०प्र० को ११००₹ प्रमाणपत्र और स्मृतिचिह्न, दिया गया । साहित्य अभ्युदय सम्मान लगभग तिरपन लोगों को जो विविध प्रांतों से उपस्थित थे दिया गया । साझा संकलन सम्मान योजना में साहित्य मनीषी सम्मान श्री श्याम मोहन नामदेव जी को २१००₹ प्रमाणपत्र और स्मृतिचिह्न, साहित्य सुधाकर सम्मान श्रीमती शकुंतला अग्रवाल शकुन म०प्र० को, साहित्य विभूति सम्मान श्री अखिलेश शर्मा इंदौर, श्री हरिप्रकाश गुप्ता जी छ०ग०,श्रीमती सुनीता बिश्नोलिया जी जयपुर को प्रमाणपत्र, स्मृतिचिह्न दिया गया ।
इस अवसर पर तीन डॉक्ट्रेट की मानद उपाधियाँ संस्थान की ओर से दी गईं । जिनमें प्रथम श्रीमती मीना भट्ट अध्यक्षा लोकायुक्त, पूर्व जिला न्यायाधीशा जबलपुर को प्रशासनिक दक्षता के लिए और द्वितीय आचार्य भानुप्रताप वेदालंकार जी इंदौर को उत्कृष्ट सामाजिक सेवा के लिए, और तीसरे श्री संदीप शजर जी दिल्ली को उत्कृष्ट साहित्यसेवा के लिए दी गईं । *संगमरत्न सम्मान सुश्री सौम्या मिश्रा अनुश्री बाराबंकी उत्तर प्रदेश को ५००१₹, प्रमाणपत्र और स्मृतिचिह्न ( विमोचन - भावतरंगिणी काव्य संग्रह )* सर्वश्रेष्ठ टिप्पणीकार सम्मान डॉ अरुण श्रीवास्तव जी सतर्कता अधिकारी पू०म०रेलवे सीहोर म०प्र० को ११००₹ प्रमाणपत्र दिया गया । संगम सक्रिय सहभागी सम्मान आ०कैलाश मंडलोई जी शिक्षक खरगौन म०प्र० को ५००₹ स्मृतिचिह्न, श्रीमती महालक्ष्मी सक्सेना विज्ञान शिक्षिका मैनपुरी उ०प्र० को ५००₹ स्मृतिचिह्न, मृदुल वाचस्पति तिवारी महक मुंबई को ५००₹ और स्मृतिचिह्न, आ०आशीष पाण्डेय जिद्दी जी वनरक्षक रीवा म०प्र० को २१००₹ स्मृतिचिह्न, श्री कविराज तरुण सक्षम जी सहायक प्रबंधक यूको बैंक लखनऊ को ५००₹ स्मृतिचिह्न, श्री मयंक वैद्य इंजीनियर पूणे को ५००₹ स्मृतिचिह्न, श्री किसनलाल अग्रवाल व्यापारी चक्रधरपुर झारखंड को ५००₹ स्मृतिचिह्न, श्री अलका शर्मा जी को ५००₹ और स्मृतिचिह्न, श्री राजेश पुरोहित जी भवानीमंडी राजस्थान को ५००₹ और स्मृतिचिह्न, और साहित्य मार्तंड सम्मान देश के विविध प्रांतों के लगभग २८ लोगों को प्रमाणपत्र और स्मृति चिह्न दिया गया ।
इस अवसर पर संस्थान से प्रकाशित संस्थान के सम्माननीय साहित्यकारों की भाव तरंगिणी , अभ्युदय काव्यमाला समेत आठ पुस्तकों का विमोचन हुआ । यह कार्यक्रम साढे़ पाँच बजे से रात दस बजे तक चला । संपूर्ण कार्यक्रम की अध्यक्षता इंदौर के सर्वश्रेष्ठ व्यापारी श्री योगेंद्र महंत जी ने की ।
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